Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana – Crop Insurance | PMFBY

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

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Prime Minister Crop Insurance Scheme
भारत किसानों का देश है जहां ग्रामीण आबादी का अधिकतम अनुपात कृषि पर आश्रित है माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 18 February 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अनावरण किया यहां योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करेगी जो अपनी खेती के लिए रन लोन लेते हैं और खराब मौसम से उनकी रक्षा भी करेगी बीमा दावे के निपटान की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि किसान फसल बीमा योजना के संबंध में किसी परेशानी का सामना ना करें या योजना भारत की हर राज्य में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की जाएगी संगठन में निपटान की प्रक्रिया बनाने का फैसला किया गया है इस योजना का प्रशासन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

अन्य जानकारी

1. किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल दो परसेंट एवं सभी रवि फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा
2. किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम की तरह बहुत ही काम है और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए
3. सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है भले ही शेष प्रीमियम 90% हो या सरकार द्वारा वहन किया जाएगा
4. इससे पहले प्रीमियम दर पर कैंपिंग का प्रावधान था जिसे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलेगा
5. काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डाटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्टफोन रिमोट सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा
6. 2016- 2017 के बजट में प्रस्तुत योजना का आवंटन 5550 करोड रुपए का है

योजना के उद्देश्य

1. किसान को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
2. कृषि में किसानों को सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना।
3. किसानों को कृषि में नवचर एवं आधुनिक पद्धति को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
4. कृषि क्षेत्र में रन के प्रभाव को सुनिश्चित करना।

योजना के तहत किसानों का कवरेज

अनुसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले पत्तेदार जोत दर किसानों सहित सभी किसान कवरेज के लिए पत्र रहे गैर ऋणी किसानों को राज्य में प्रचलित भूमि रिकॉर्ड अधिकार, भूमि कब्जा प्रमाण पत्र आदि आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है:
1. अनिवार्य घटक वित्तीय संस्थानों से अधिसूचित फसलों के लिए मौसमी कृषि कार्यों के लिए ऋण लेने वाले सभी किसान अनिवार्यता अच्छादित्य होंगे।
2. स्वैच्छिक घटक गैर ऋणी किसानों के लिए योजना वैकल्पिक होगी।
3. योजना के तहत अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति महिला किसानों की अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किया जाएगा इसके तहत बजट आवंटन और उपयोग संबंधित राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सामान्य वर्ग द्वारा भूमि भूमि धरण के अनुपात में होगा पंचायती राज्य संस्थाओं को कार्यन्वयन एवं फसल बीमा योजनाओं पर किसने की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए शामिल किया जा सकता है।

बीमा इकाई 

योजना बड़े पैमाने पर आपदाओं के लिए प्रत्येक अधिसूचित फसल के लिए एक क्षेत्र दृष्टिकोण आधार पर लागू की जाएगी यह धारणा है कि सभी बीमित किसान को बीमा के एक इकाई के रूप में एक फसल के लिए अधिसूचित क्षेत्र के तौर पर परिभाषित किया जाना चाहिए जो सामान जोखिम का सामना करते हैं और काफी हद तक एक समान प्रति हेक्टेयर उत्पादन के लिए लागत प्रति हेक्टेयर तुलनिया कृषि आय और अधिसूचित क्षेत्र में जोखिम के कारण एक समान फसल हानि अनुभव करते हैं अधिसूचित फसल के लिए इंश्योरेंस की यूनिट को जनसंख्या की दृष्टि से समरूप जोखिम प्रोफाइल वाले क्षेत्र से मैप किया जा सकता है।
परिभाषित जोखिम के कारण स्थानीय आपदा और पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान के जोखिम के लिए बीमा की इकाई प्रभावित व्यक्तिगत किसान का बीमाकृत क्षेत्र होगा।

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Shimaela Beg

Author, Jan Seva Kendra Shujalpur, And Content Enthusiast

Passionate about [Popular Tidings, General Knowledge, Sarkari Yojana], with years of experience in [related field]. Loves to share knowledge and connect with readers.

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