राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन
Under this mission, attention will be given to integrated farming, water use efficiency, soil health management, resource conservation etc. |
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन का उद्देश्य उचित स्थान विशिष्ट उपाय के माध्यम से इन दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग को बढ़ावा देकर कृषि विकास को बनाया रखा जा सकता है भारतीय कृषि मुख्य रूप से वर्ष पर आधारित है जो देश के शुद्ध बोई गए क्षेत्र का लगभग 60% है और कुल खाद्य उत्पादन का 40% हिस्सा है।
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन की शुरुआत 01/04/2014 कृषि की स्थिरता के लिए जिले के चयनित क्लस्तरों में एकीकृत कृषि प्रणाली के तहत सभी श्रेणियां के किसानों के खेतों में प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। सतत कृषि मिशन का का मकसद कृषि को ज्यादा टिकाऊ, फायदेमंद और उत्पादक बनाना है इसके लिए यह उपाय किए जाते हैं।
1. मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार करना मृदा परीक्षण से जरूरी तत्व की पहचान करना और उर्वरकों का सही इस्तेमाल करना।
2. जल संसाधनों का सही इस्तेमाल करने के लिए कुशल जल प्रबंधन का इस्तेमाल करना।
3. किसने और हितधारकों की क्षमता बढ़ाना।
4. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना।
5. कृषि उत्पादकता बढ़ाना।
इस मिशन के तहत एकीकृत खेती, जल उपयोग दक्षता, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, संसाधन संरक्षण आदि बातों पर ध्यान देना होगा
इस मिशन के तहत एकीकृत खेती, जल उपयोग दक्षता, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, संसाधन संरक्षण आदि बातों पर ध्यान देना होगा
इस मिशन का लाभ उठाने के लिए किसानों को इन नियमों का पालन करना होगा:
1. B1 खसरा या ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फोटो कॉपी लेनी होती है।
2. अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करना होता है।
FAQ: National Sustainable Agriculture Mission
FAQ: National Sustainable Agriculture Mission
1. सतत कृषि से आप क्या समझते हैं?
सतत कृषि का तात्पर्य कृषि और खाद्य उत्पादन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण से है जिसका उद्देश्य कृषि प्रणालियां की दीर्घकालिक व्यवहार्ता सुनिश्चित करता है तथा भविष्य की पीडि के लिए प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करते हुए भोजन और फाइबर की वर्तमान जरूरत को पूरा करना है।