महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना
![]() |
Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana |
महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना जिससे पहले राजीव गांधी जीवनदाई आरोग्य योजना कहा जाता था महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र राज्य के गरीब लोगों के लिए चलाई जा रही एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा योजना है जिसके पास सरकार द्वारा जारी किए गए चार कार्डो में से एक है अंत्योदय कार्ड ,अन्नपूर्णा कार्ड, पीला राशन कार्ड या नरंगी राशन कार्ड यहां योजना सबसे पहले जुलाई 2012 में महाराष्ट्र राज्य के 8 जिलों में और फिर नवंबर 2015 में राज्य के सभी 35 जिलों में शुरू की गई थी यहां 971 प्रकार की बीमारियों सर्जरी और उपचारों के लिए सरकार द्वारा सूचीबद्ध 488 अस्पतालों में मुक्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है जिसकी लागत प्रति परिवार प्रतिवर्ष 150 000 तक है 17 जनवरी 2016 तक 7.13 लाख लाभार्थी परिवारों के मरीजों पर 1827 करोड रुपए की लागत से लगभग 11.81 लाख प्रक्रियाएं की गई है जिसमें 7.27 लाख से अधिक सर्जरी और उपचार शामिल है इस योजना को सफल कहा जा रहा है क्योंकि अस्पतालों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों का इलाज के कुछ हिस्से पर अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है।
इस योजना में पहले से मौजूद बीमारियां और रोक शामिल है या योजना फ्लोटर आधार पर शुरू की गई है इसका मतलब है कि परिवार का एक सदस्य एक साल में 150 000 रुपए तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकता है या पूरा परिवार एक वर्ष में 150 000 रुपए तक की लागत वाली निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकता है।
इतिहास
इतिहास
1997 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने गरीब लोगों के लिए जीवनदाई योजना शुरू की जिसमें बहुत गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च शामिल था लेकिन इस योजना में कमियां थी इस योजना का इस्तेमाल मस्तिक से हृदय ,गुर्दा और कैंसर से संबंधित केवल चार प्रक्रिया को कवर करने के लिए किया गया था इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 2008 में शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना काफी हद तक सफल रही थी जबकि पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश की आरोग्य श्री स्वास्थ्य बीमा योजना बहुत सफल हो गई थी इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने आरएसबीवाई योजना को बंद कर दिया पुरानी 1997 की जीवनदाई योजना को नया रूप दिया और इसे आंध्र प्रदेश की आरोग्य श्री योजना के आधार पर 971 प्रकार की सर्जरी उपचार प्रक्रियाओं को कर किया पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर इसका नाम बदलकर राजीव गांधी जीवनदाई आरोग्य योजना कर दिया गया और इसे 2 जुलाई 2012 को महाराष्ट्र राज्य के आठ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया और इसमें 52.37 लाख परिवार शामिल हुए यह जिले मुंबई ,ठाणे ,धूलै,नांदेड़, अमरावती ,गदाचिरौला, सोलापुर और रायगढ़ थे इस योजना के तहत जुलाई 2012 से अक्टूबर 2013 के बीच एक लाख से अधिक भीम की गई इस पायलट योजना की सफलता के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की सभी 35 जिलों में इस योजना को शुरू करने का फैसला किया।
लाभ
लाभ
इस योजना में 971 सर्जरी चिकित्सा और प्रक्रिया शामिल है जो निम्नलिखित 30 श्रेणियां के अंतर्गत आती है
1. सामान्य सर्जरी
2. ENT सर्जरी
3. नेत्र शल्य चिकित्सा
4. स्त्री रोग और प्रसूति सर्जरी
5. ऑर्थोपेडिक सर्जरी और प्रक्रियाएं
6. सर्जिकल गैस्ट्रोएनोलोजी
7. हृदय और कार्डियो थोरेसिक सर्जरी
8. बाल चिकित्सा सर्जरी
9. जनन मूत्र प्रणाली
10. Neurosurgery
11. सर्जिकल ऑंकोलॉजी
12. मेडिकल Oncology
13. रेडिएशन ऑनकोलॉजी
14. प्लास्टिक सर्जरी
15. Kritim Ang
16. गंभीर देखभाल
17. सामान्य चिकित्सा
18. संक्रामक रोग
19. बाल चिकित्सा
20. चिकित्सा प्रबंधन
21. कार्डियोलॉजी
22. नेफ्रोलॉजी
23. न्यूरोलॉजी
24. पलमोनोलॉजी
25. त्वचा विज्ञान
26. रूमेटोलॉजी
27. एंडॉक्रिनलॉजी
28. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
29. इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी
30 politerm
पात्रता
पात्रता
गरीबी रेखा से नीचे की परिवार जिनकी आई एक लाख रुपए प्रति वर्ष से कम है और जिनके पास अत्यंत आकार दिया अन्नपूर्णा कार्ड या पीला या नरंगी राशन कार्ड है वे इस योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए पात्र हैं इस योजना में गरीबी रेखा से ऊपर के परिवार शामिल नहीं है जिनके पास सफेद राशन कार्ड है आधार कार्ड के साथ वेद कार्ड के दाता का उपयोग लाभार्थी परिवार को राजीव गांधी जीवनदाई आरोग्य योजना स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लिए किया जाता है जिसमें परिवार के सदस्यों के नाम उम्र और फोटो होते हैं जब तक यह स्वास्थ्य कार्ड जारी नहीं हो जाता तब तक वेद राशन कार्ड और आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र का प्रयोग इस योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।