मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना
अनाथ, परित्यक्त बालक की स्थिति में बाल देखरेख संस्था में निवास हेतु आवश्यक अवधि सम्बंधी पात्रता में छूट

मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत, महिला एवं बाल विकास विभाग नोडल विभाग द्वारा बाल देखरेख संस्थाओं को छोडने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालकों (आफ्टरकेयर) को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग दिया जावेगा। जिसके तहत 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को, जो अपने सम्बंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हो। ऐसे बच्चो को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत, आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध करवाई जावेंगी।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का मूल उद्देश्य, प्रदेश के, गरीब, अनाथ, या परित्यक्ता बच्चों को आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध करवाना है। तथा 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को वित्तीय और शैक्षिक सहायता प्रदाय करके, बाल देखभाल संस्थानों को छोड़कर, समाज में बच्चो को पुर्नस्थापित करना है।
- आयु सीमा
योजनांतर्गत 18 वर्ष तक की आयु के बालक एवं बालिका को लाभ प्रदाय किया जावेगा। जिसमें 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चो को योजनांतर्गत निम्न प्रकार से आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध करवाई जावेगी।
- योजना का लाभ
आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप)
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना |
योजना लागूं की गई |
महिला एवं बाल विकास विभाग, नोडल विभाग |
लाभार्थी | गरीब /अनाथ /परित्यक्ता बच्चे |
उद्देश्य | वित्तीय और शैक्षिक सहायता प्रदान करना। |
योजना का लाभ | आर्थिक सहायता /(स्पॉन्सरशिप) |
भुगतान प्रकार | अधिकृत बैंक खाता |
विभाग | महिला एवं बाल विकास विभाग, नोडल विभाग |
योजना लागूं की गई | वर्ष 2023 |
योजना का विस्तार | संपूर्ण मध्यप्रदेश |
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अंतर्गत लाभार्थी के लिए पात्रता के मापदण्ड निम्नानुसार है।
- अनाथ, /परित्यक्त बच्चे के मामले में, बाल निगरानी संस्थान में निवास की आवश्यक अवधि के लिए, पात्रता में आयोग द्वारा छूट दी जावेगी।
- वह बालक-बालिका जिन्हे दत्तक ग्रहण, फॉस्टर केयर का लाभ प्राप्त न हो रहा हो।
योजना अंतर्गत सहायता, चयन के मापदण्ड एवं सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया
- आफ्टर केयर
- स्पॉन्सरशिप
योजनांतर्गत आफ्टर केयर अन्तर्गत आर्थिक सहायता एवं निःशुल्क शिक्षा सहायता
- व्यावसायिक प्रशिक्षण-
- इंटर्नशिप-
- तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष शिक्षा एवं विधि शिक्षा सहायता का ज्ञान –
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत पात्रता
- योजनांतर्गत वह बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत योजना के तहत पात्र पाये गये बच्चे को सहायता
- तथा बालक अथवा परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार न होने की दशा में स्पॉन्सरशिप योजनांतर्गत अवधि में वृद्धि की जा सकेगी किन्तु किसी भी स्थिति में अधिकतम 18 वर्ष की आयु के पश्चात राशि देय नही होगी।
- चिकित्सा सहायता प्रदाय किए जाने के लिए, प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जायेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु बच्चों की सूची सहित आवश्यक जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करवायी जायेगी।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत आवेदन निराकरण की प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्र
- जिला कार्यक्रम अधिकारी /जिला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) द्वारा, ऐसे परिवारों की पहचान की जावेगी। जिनके बच्चें गरीब /अनाथ /परित्यक्ता होंगे या जिन्हे मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत योजना के तहत लाभ दिया जाना है।
- जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा योजना के पोर्टल में दर्ज बच्चे की गृह अध्ययन की रिपोर्ट एवं परिवार की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट मध्यप्रदेश (स्पॉंसरशिप) दिशा-निर्देश, 2020 में प्रावधानित प्रारूप में तैयार की जायेगी।
- जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा योजना के पोर्टल में दर्ज बच्चे की गृह अध्ययन की रिपोर्ट एवं परिवार की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट मध्यप्रदेश (स्पॉंसरशिप) दिशा-निर्देश, 2020 में प्रावधानित प्रारूप में तैयार की जायेगी।
- जिला बाल संरक्षण अधिकारी से प्राप्त सूची अनुसार बच्चों की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट तथा अन्य दस्तावेजों की जांच एवं मूल्यांकन के आधार पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय अधिनियम एवं नियम में दी गई प्रक्रिया का पालन करते हुये बच्चों को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत देखरेख और संरक्षण का जरूरतमंद बालक घोषित करेगी।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत आवेदन निराकरण की प्रक्रिया शहरी क्षेत्र
- जिला कार्यक्रम अधिकारी /जिला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) द्वारा, ऐसे परिवारों की पहचान की जावेगी। जिनके बच्चें गरीब /अनाथ /परित्यक्ता होंगे या जिन्हे मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत योजना के तहत लाभ दिया जाना है।
- जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा योजना के पोर्टल में दर्ज बच्चे की गृह अध्ययन की रिपोर्ट एवं परिवार की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट मध्यप्रदेश (स्पॉंसरशिप) दिशा-निर्देश, 2020 में प्रावधानित प्रारूप में तैयार की जायेगी।
- जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा योजना के पोर्टल में दर्ज बच्चे की गृह अध्ययन की रिपोर्ट एवं परिवार की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट मध्यप्रदेश (स्पॉंसरशिप) दिशा-निर्देश, 2020 में प्रावधानित प्रारूप में तैयार की जायेगी।
- जिला बाल संरक्षण अधिकारी से प्राप्त सूची अनुसार बच्चों की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट तथा अन्य दस्तावेजों की जांच एवं मूल्यांकन के आधार पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय अधिनियम एवं नियम में दी गई प्रक्रिया का पालन करते हुये बच्चों को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत देखरेख और संरक्षण का जरूरतमंद बालक घोषित करेगी।
आवश्यक दस्तावेज जोकि आवेदनकर्ता उम्मीदवार के पास उपलब्ध होना चाहिए
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- अनाथ होने का प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट
- फोटो
- शैक्षणिक प्रमाण पत्र
सीएससी के माध्यम से आवेदन करें
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