राष्ट्रीय कृषि योजना अंतर्गत: पान विकास योजना
पान उत्पादकों की आय में वृद्धि करके आर्थिक जीवन में सुधार लाना
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Under the scheme, children aged 1 to 18 years are also given admission for free education till class 12th. |
सरकार किसानों को कई प्रकार की फसलों की खेती पर सब्सिडी प्रदान करती है ताकि किसान सब्सिडी का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकें। सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ नकदी फसलों की भी खेती करें, ताकि वे अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकें।
इसलिए, बिहार सरकार ने किसानों के लिए पान विकास योजना शुरू की है. इसके तहत किसानों को पान की खेती पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. पान की खेती पर सब्सिडी देने के पीछे सरकार का उद्देश्य देश में पान का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है।
योजना का उद्देश्य:
1. पान उत्पादकों की आय में वृद्धि करके आर्थिक जीवन में सुधार लाना।
2. पान के उत्पादन में नवीन उन्नत तकनीको को प्रोत्साहित करना।
3. पान की खेती के क्षेत्रफल में वृद्धि करना।
4. रोग एवं कीट नियंत्रण में वैज्ञानिक जैविक तरीकों को बढ़ावा देना।
5. रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना।
6. पान उत्पादकों को अन्य क्षेत्र में पलायन से रोकना।
7. प्रतिकार क्षेत्र से अधिकधिक आयएवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
8. गुणवत्ता युक्त पान उत्पादन के लिए संसाधनों में वृद्धि करना।
योजना के लाभ
1. अतिरिक्त रोजगार का सृजन।
2. अनु उत्पादक बागों में कैनोपी मैनेजमेंट के फल स्वरुप उत्पादन क्षमता में वृद्धि।
3. योजना क्रियान्वयन के फल स्वरुप निम्नवत लाभ प्राप्त होंगे।
4. पोषक सुरक्षा पर निदान।
5. मृदा स्वास्थ्य में बढ़ोतरी।
6. गुणवत्ता युक्त फल उत्पादन में वृद्धि।
7. प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण सुरक्षा प्राप्त होना।
8. पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जनमानस में जागरूकता पैदा करना।
आवेदन कैसे करें
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए वेबसाइट upagriculture.com पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा इसके लिए जन सेवा केंद्र सीएससी कृषक लोकवाणी या साइबर कैफे आदि के माध्यम से पंजीकरण किया जा सकता है।
स्वीकार्य अनुदान
पान की खेती 1000 वर्ग मीटर में प्रति बरेजा निर्माण लागत की धनराशि रुपए1,00,90,600 का 50% धनराशि रुपए50,45300 लाभार्थी कृषक अनुदान सहायता रूप से बैंक खाते में देय है।
आवेदक के लिए पात्रता
1. योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए वेबसाइट www.upagriculture.com पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
2. कार्यक्रम के अंतर्गत सभी वर्ग के लाभार्थी पात्र होंगे।
3. लाभार्थी के पास स्वयं का सिंचाई साधन होना अनिवार्य है।
4. पान की खेती में रुचि रखने वाले कृषकों को पात्रता दी जाएगी।
5. आवेदन पत्र के साथ भू अभिलेख संलंघन करवाना अनिवार्य होगा।
6. लाभार्थी कृषक के पास स्वयं का बैंक खाता अनिवार्य है।
7. लाभार्थी के पास पहचान पत्र के लिए हेतु पासपोर्ट, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड कोई एक उपलब्ध होना अनिवार्य है।