राष्ट्रीय कृषि विकास योजना:

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना कृषि और संबद्ध क्षेत्र कायाकल्प के लिए लाभकारी दृष्टिकोण का उद्देश्य किसानों के प्रयासों को मजबूत करके जोखिम कम करने और कृषि व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देकर खेती को एक लाभकारी आर्थिक गतिविधि बनाना है इस योजना की शुरुआत साल 2007- 2008 में कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने की थी।
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राष्ट्रीय कृषि नीति का मुख्य उद्देश्य

इस नीति का उद्देश्य भारतीय कृषि की विशाल आप प्रयुक्त क्षमता को साकार करना है और इसका देश कृषि क्षेत्र में प्रतिवर्ष 4% से अधिक वृद्धि दर हासिल करना है यहां समानता के साथ विकास हासिल करने का भी प्रयास करता है यानी विकास जो सभी क्षेत्रों और किसानों में व्यापक हो।

पहली बार राष्ट्रीय कृषि नीति कब लागू हुई

प्रथम राष्ट्रीय कृषि नीति की घोषणा 28 जुलाई 2000 में की गई इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष से अतिरिक्त विकास दर प्राप्त करके कृषि क्षेत्र की व्यापक शक्तियों का दोहन करना था ताकि घरेलू बाजार की आवश्यकता पूरी हो सके और रियाद से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके।

राष्ट्रीय कृषि आयोग का गठन कब किया था

राष्ट्रीय कृषि आयोग एक भारतीय सरकारी निकाय था जिसका गठन भारत में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के तरीके खोजने के लिए किया गया था आयोग की स्थापना अगस्त 1970 में कृषि मंत्रालय के तहत की गई थी।

कृषि के कितने विभाग हैं?

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को तीन प्रमुख विभागों में संगठित किया गया है अर्थात कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि सहकारिका एवं किसान कल्याण विभाग, पशुपालन , डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग।
कृषि के चार प्रकार कौन से हैं।
कृषि के चार प्रकार
1. पशुचारण
2. स्थानांतरित खेती
3. निर्वाह खेती
4. गहन खेती
पशुपालन कृषि का यह रूप मुख्य रूप से पशुओं को पालने पर केंद्रित है मवेशी भेड़, बकरी जैसे पशुओं को चारागाह में पाला जाता है।
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