जल जीवन मिशन:
विद्यालयों आंगनबाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्र तथा सामुदायिक भवनों को कार्यशील नल कनेक्शन उपलब्ध कराना
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Providing working tap connections to schools, Anganwadi centres, Gram Panchayat buildings, health centers and community buildings. |
जल जीवन मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की थी जल जीवन मिशन का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाना है कार्यक्रम अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करेगा, जैसे कि ग्रे वॉटर मैनेजमेंट, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुनर उपयोग। जल जीवन मिशन, भारत सरकार के एक महत्व आकांक्षी योजना है जिसका मकसद साल 2024 तक देश के सभी ग्रामीण घरों में नल से साफ पानी पहुंचाना है।
1. जल जीवन मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की थी।
2. इस मिशन के तहत स्थानीय जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
3. इस मिशन के तहत जल संरक्षण, ग्रे वॉटर मैनेजमेंट और वर्षा जल संचालन जैसे उपायों को भी अपनाया जाएगा।
4. इस मिशन के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए नल का पानी सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान और विकास नवाचार और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा।
5. इस मिशन के तहत स्थानीय समुदाय जल आपूर्ति परियोजना बनाने चलाने और उनका रखरखाव करने में मदद की जाएगी।
इस मिशन के लिए राष्ट्रीय जल जीवन कोष की स्थापना की गई यहां एक पंजीकृत धर्मात्र ट्रस्ट है जिसका मकसद गांव में साफ पानी की व्यवस्था करना है इस कोर्स में दान करने पर आयकर अधिनियम1961 की धारा 80G के तहत 50% कटौती का लाभ मिलता है।
उद्देश्य
जल जीवन मिशन 160 मिलियन ग्रामीण परिवारों को अब नल का पानी उपलब्ध करने ग्रामीण शहरी अंतर को कम करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से मिशन का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को क्रियात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना है।
जीवन मिशन का लक्ष्य
1. प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और पर्याप्त मात्रा तथा निर्धारित गुणवत्ता में पेयजल उपलब्ध कराते हुएकार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना।
2. विद्यालयों आंगनबाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्र तथा सामुदायिक भवनों को कार्यशील नल कनेक्शन उपलब्ध कराना।
3. जल पूर्ति प्रणाली अर्थात जल स्रोत, जलापूर्ति और अवसंरचना और नियमित प्रचलन वह रखरखाव हेतु दी जाने वाली निधियों के स्थायित्व को सुनिश्चित करना।
4. नगद एवं वास्तुगत रूप से पूंजीगत व्यय में योगदान के जरिए स्थानीय समुदाय के बीच स्वैच्छिक स्वामित्व का विकास करना।
5. विभिन्न पहलुओं तथा सुरक्षित पेयजल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और हित धारकों को इस तरह से शामिल करना कि जल प्रबंधन प्रत्येक व्यक्ति का सरोकार बन सके।