जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना
National Action Plan on Climate Change |
जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना(NAPCC) को औपचारिक रूप से 30 जून 2008 को लागू किया गया यह उन साधनों की पहचान करता है जो विकास के लक्ष्य को प्रोत्साहित करते हैं साथ ही जलवायु परिवर्तन पर विमर्श के लाभ को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत करता है इसका उद्देश्य जनता के प्रतिनिधियों सरकार की विभिन्न अंजेसियो वैज्ञानिकों उद्योग और समुदाय के बीच जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे और इससे निपटने के उपाय के बारे में जागरूकता पैदा करना है राष्ट्रीय कार्य योजना के रूप में 8 राष्ट्रीय मिशन है। जो जलवायु परिवर्तन में प्रमुख लक्षण को प्राप्त करने के लिए बहुआयामी दीर्घकालिक और एकीकृत एकीकृत रणनीतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
1. राष्ट्रीय सौर मिशन
2. उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन
3. राष्ट्रीय सतत आवास मिशन
4. हिमालय पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राष्ट्र मिशन
5. हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन
6. राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन
7. जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीति की ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन
8. राष्ट्रीय जल मिशन
मुख्य विशेषताएं
मुख्य विशेषताएं
NAPCC निम्नलिखित सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है:
1. जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील समावेशी और सतत विकास रणनीति के माध्यम से समाज के गरीब और कमजोर वर्गों की सुरक्षा।
2. पारिस्थितिक स्थिरता को बढ़ाने वाले गुणात्मक परिवर्तनों के माध्यम से राष्ट्रीय विकास की उपलब्धियां।
3. ग्रीनहाउस गैसौ के उत्सर्जन के अनुकूलन और सामान के लिए व्यापक रूप से और त्वरित गति से उपयुक्त प्रौद्योगिकियों का उपयोग।
4. सतत विकास को बढ़ावा देने तथा बाजार के नए एवं अभिनव स्वरूपों का निर्माण करने के लिए विनियामक एवं स्वैच्छिक तंत्र।
5. सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से नागरिक समाज और स्थानीय सरकारों जैसे आदित्य संबंधों का उपयोग करके योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन।
6. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के अंतर्गत वैश्विक आईपीआर व्यवस्था द्वारा समर्थित तथा पर्याप्त वित्त पोषण द्वारा सक्षम डाटा और प्रौद्योगिकीयों के अनुसंधान विकास सजा कारण और हस्तांतरण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को आमंत्रित करना।
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
1.NAPCC विकास पद को दिशा देकर तथा वर्तमान एवं नियोजित कार्यक्रमों द्वारा प्रौद्योगिकियों को बढ़ाकर देश की महत्वपूर्ण और तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करता है।
2. इसमें ऐसे उपायों की पहचान की गई है जो जलवायु परिवर्तन से निपटते हुए हमारे विकासात्मक लक्षण और सहलाबों को बढ़ावा देंगे।