Namami Gange Programme : Major Achievements Under

नमामि गंगे कार्यक्रम:


Namami gange programme upsc, What is Namami Gange Programme Class 9, Namami gange programme in which state, Namami gange programme ppt, Namami Gange project Status,Namami Gange Programme : Major Achievements Under
Namami Gange Programme: Major Achievements under
नमामि गंगे कार्यक्रम भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है इसका मकसद गंगा नदी को साफ करना उसका संरक्षण करना और उसमें प्रदूषण को कम करना है इस कार्यक्रम को जून 2014 में शुरू किया गया था इस केंद्र सरकार ने फ्लैगशिप प्रोगाम के तौर पर मंजूरी दी थी इस कार्यक्रम के तहत गंगा नदी के प्रदूषण को काम करने के लिए कई काम किया जा रहे हैं।
जिसका बजट परिवहन 20000 करोड रुपए है जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण में प्रभावी कमी संरक्षण और पुणे रुद्र के दौरे उद्देश्य को पूरा करना है।
1. गंगा नदी के जलीय जीवन और जैव विविधता को बचाना
2. गंगा नदी के किनारे बसे गांवों को विकास करना 
3. सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना
4. नदी के किनारे विकास करना
5. नदी की सतह को साफ करना
6. लोगों को जागरूक करना 
7. औद्योगिकी की अपशिष्ट की निगरानी करना
8.  गंगा ग्राम बनाना
इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए प्रवेश स्तर पर मध्यम अवधि में और दीर्घकाल में गतिविधियों को अलग-अलग किया गया है इस कार्यक्रम के तहत कई अंतर्राष्ट्रीय देश ने भारत के साथ सहयोग करने में दिलचस्पी दिखाइए इनमें ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड, किंगडम जर्मनी, फिनलैंड और इजरायल जैसे देश शामिल है।

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियां

1. सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता का निर्माण –
उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल दिल्ली हिमाचल प्रदेश हरियाणा और राजस्थान राज्यों में 48 सीवेज प्रबंधन परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है और 99 सीवेज परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं इन राज्यों में 27 सीवेज परियोजनाएं निविदा प्रक्रिया में है और 8 नई सिवेश परियोजनाएं शुरू की गई है की सीवरेज क्षमता बनाने के लिए काम चल रहा है।
2. नदी तट का विकास-
270 घाटों श्मशानों और कुंदन तालाब के निर्माण और आधुनिकरण और नवीनीकरण के लिए 71 घाटो शमशानों की परियोजना शुरू की गई है।
3.नदी सतह की सफाई –
घाटों और नदी की सतह से तैरते ठोस अपशिष्ट को एकत्रित करने और उसके निपटा के लिए नदी सट्टा की सफाई का कार्य चल रहा है और 11 स्थान पर इस सेवा में शामिल किया गया है।
4.जैव विविधता संरक्षण-
गंगा कायाकल्प के लिए एनएमसी जी के दीर्घकालिक दृष्टिकोणों में से एक नदी की सभी स्थानिक और लुप्तप्राय जीव विविधता कि व्यापारी आबादी को बहाल करना है ताकि वह अपनी पूरी ऐतिहासिक सीमा पर कब्जा कर सके और गंगा नदी की पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभा सके इस संबंध करने के लिए भारतीय वन जीव संस्थान देहरादून केंद्रीय अंतर्दर्शी मत्स्य अनुसंधान संस्थान कोलकाता और उत्तर प्रदेश राज्य वन विभाग को जाली जैव विविधता के संरक्षण और बहाली के साथ-साथ कई हितधाराको को शामिल करके गंगा नदी के लिए विज्ञान आधारित जाली प्रजातियों की बहाली योजना विकसित करने के लिए परियोजनाएं दी गई है।
डब्ल्यू ई ई द्वारा किए गए क्षेत्रीय अनुसंधान के अनुसार केंद्र संरक्षण कार्रवाई के लिए गंगा नदी में उच्च जैव विविधता वाली क्षेत्र की पहचान की गई है बचाए गए जलीय जैव विविधता के लिए बचाव और पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं क्षेत्र में संरक्षण कार्यो का समर्थन करने के लिए स्वयं सेवकों का केडर विकसित और प्रशिक्षित किया गया है जैव विविधता संरक्षण और गंगा कायाकल्प पर जागरूकता विकसित करने के लिए तैरते हुए व्याख्या केंद्र गंगा तारिणी और व्याख्या केंद्र गंगा दर्पण की स्थापना की गई है।
5. वन रोपण –
गंगा कायाकल्प के प्रमुख घटकों में से एक है वन हस्तक्षेप जिससे नदी के मुख्य जल क्षेत्र और नदी तथा उसकी सहायक नदियों के किनारे वनों की उत्पादकता और विविधता को बढ़ाया जा सके तथा अनुसार वन अनुसंधान संस्थान देहरादून ने गंगा नदी के तत्वार्त्ति राज्य उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में 134106 हेक्टेयर क्षेत्र में वन रोपण के लिए 2293.73 करोड रुपए की अनुमानित लागत से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की।
6. जन जागरूकता-
कार्यक्रम में जन-जन तक पहुंच बनाने और सामुदायिक भागीदारी के लिए कई कार्यक्रम कार्यशालाएं सेमिनार और सम्मेलन तथा अनेक लेक गतिविधियां आयोजित की गई है रेलिया अभियानों प्रदर्शनियों श्रमदान स्वच्छता अभियान प्रतियोगिताओं वृक्ष रोपण अभियानों और संस्थान सामग्री के विकास और वितरण के माध्यम से विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गई और व्यापक प्रचार के लिए टीवी/ रेडियो प्रिंट मीडिया विज्ञापन ,विज्ञापन, विशेष लेख और विज्ञापन प्रकाशित किए गए कार्यक्रम की दृश्यता बढ़ाने के लिए गंजे थीम गीत को व्यापक रूप से जारी किया गया और डिजिटल मीडिया पर चलाया गया फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपस्थिति सुनिश्चित की।
7. औद्योगिकी अपशिष्ट निगरानी-
अप्रैल 2019 में घर प्रदूषण करने वाले उद्योगों की संख्या 1072 है निर्धारित पर्यावरणीय मांडना के अनुपालन के सत्यापन के लिए GPI के नियमित और निरीक्षकों के माध्यम से विनियमन और प्रवर्तन किया जाता है जहां भी आवश्यक हो प्रदूषण मानदांडो अनुपालन के सत्यापन और प्रक्रिया संशोधन के लिए जीपी आई का वार्षिक आधार पर तीसरे पक्ष के तकनीकी संस्थानों के माध्यम से निरीक्षण किया जाता है तीसरे पक्ष के तकनीकी संस्थानों द्वारा जीपी आई के निरीक्षण का पहला दौड़ 2017 में किया गया है जीपी आई के निरीक्षण का दूसरा दौर 2018 में पूरा हो गया है।
8. गंगा ग्राम-
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने पांच राज्यों में गंगा नदी के तट पर स्थित 1674 ग्राम पंचायत की पहचान की है पांच गंगा बेसिन राज्यों की 1674 ग्राम पंचायत में शौचायलयों के निर्माण के लिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय को 578 करोड रुपए जारी किए गए हैं लक्षण 1527105 इकाइयों में से MoDWS ने 853 397 शौचालय का निर्माण पूरा कर लिया है गंगा नदी बेसिन योजना की तैयारी से 7 IITका संघ लगाया गया है और मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए 13 IIT द्वारा 65 गांव को गोद लिया गया हैUNDP को ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के लिए निष्पादन एजेंसी के रूप में लगाया गया है और झारखंड को 127 करोड रुपए की अनुमानित लागत से एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।

Leave a Reply