Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) – Agriculture

Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) Benefits, Eligibility and Application Process

परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY): लाभ, पात्रता व आवेदन प्रक्रिया

परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) साल 2015 में शुरू की गई थी। यह सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य कम लागत में पर्यावरण अनुकूल जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana : Benefits of the scheme

योजना के लाभ

  • प्रमाणिक जैविक खेती से उपज की गुणवत्ता बेहतर होगी और किसानों की आय बढ़ेगी।
  • कीटनाशक अवशेष मुक्त उत्पाद उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होंगे।
  • किसानों को प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग हेतु प्रेरित किया जाएगा।
  • जैविक उत्पादों की पैकिंग, लेबलिंग और बाजार से जोड़ने में मदद दी जाएगी।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana : Eligibility

पात्रता

  • सभी किसान और संस्थान आवेदन कर सकते हैं।
  • 2 हेक्टेयर या उससे कम भूमि वाले किसान पात्र हैं।
  • 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसान इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana : application process

आवेदन प्रक्रिया

  • इच्छुक किसान राज्य की क्षेत्रीय परिषदों से जुड़ें।
  • राज्य परिषद वार्षिक कार्य योजना बनाकर कृषि मंत्रालय को भेजती है।
  • मंजूरी के बाद किसानों को सहायता राशि दी जाती है।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana : Main points of the plan

योजना के मुख्य बिंदु

  • किसानों के समूह बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा देना।
  • 3 वर्षों में 10,000 समूह बनाए जाएंगे जो 5 लाख एकड़ भूमि पर जैविक खेती करेंगे।
  • प्रमाणीकरण पर किसानों को कोई खर्च नहीं देना होगा।
  • प्रति एकड़ 20,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

नोट: योजना में 60:40 के अनुपात में केंद्र व राज्य सरकार फंडिंग करती हैं। उत्तर-पूर्व व पहाड़ी राज्यों में 90:10 के अनुपात में मदद दी जाती है। केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार 100% फंडिंग करती है।


यदि आप इस योजना से जुड़ना चाहते हैं या और जानकारी पाना चाहते हैं, तो अपने राज्य की क्षेत्रीय परिषद से संपर्क करें।

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