किसान क्रेडिट कार्ड योजना-
केसीसी योजना के तहत किसानों को सभी फसलों के लिए अल्पावधि और सावधि ऋण मिलता है।
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Under KCC scheme, farmers get short term and term loans for all crops. |
किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों को खेती और मत्स्य पालन के लिए जरूरी उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी भारत सरकार किसानों को 2% की ब्याज छूट और 3%का त्वरित पुनभुगतान प्रोत्साहन प्रदान करती है जिससे उन्हें 4% प्रतिवर्ष की बहुत रियल की दर पर ऋण उपलब्ध हो जाता है।
वर्ष 2024 में इस योजना को किसने की निवेश रन आवश्यकता अर्थात संबंध और गैर कृषि गतिविधियों के लिए आगे बढ़ाया गया था और वर्ष 2012 में श्रीTM भसीन, सीएमडी, इंडिया बैंक के अध्यक्षता में एक कार्य समूह द्वारा इस पर पुनर्विचार किया गया ताकि योजना को सरल बनाया जा सके और इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना आसान हो सके यह योजना बैंकों को केसीसी योजना के संचालन के लिए व्यापक दिशा निर्देश प्रदान करती है इस योजना के तहत किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण मिलता है।
अन्य जानकारी
1. केसीसी योजना के तहत किसानों को सब फसलों के लिए अल्पकालिक और सवधि ऋण मिलता है।
2. केसीसी रन पर 2% की दर से ब्याज अनुदान और 3% की दर से शीघ्र पुनर भुगतान प्रसारण लाभ मिलता है।
3. केसीसी क्रेडिट धारकों को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी मिलता है।
4. केसीसी योजना के तहत मत्स्य पालन करने वाले किसानों को ₹200000 तक का अनुदान दिया जाता है।
5. केसीसी योजना के लिए आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेजों में आवेदन पत्र दो पासपोर्ट साइज फोटो आईडी प्रूफ पता प्रूफ भूमि स्वामित्व का प्रमाण पत्र और फसल पैटर्न शामिल है।
6. केसीसी योजना की शुरुआत अगस्त 1998 में हुई थी इसका मॉडल राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ने तैयार किया था।
उद्देश्य
किसान क्रेडिट कार्ड योजना का देश किसानों को उनकी खेती और अन्य जरूरत के लिए लचीली और सरलीकृत ऑन प्रक्रियाओं के साथ एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करना है:
1. फसलों की खेती के लिए अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना।
2. फसल उपरांत व्यय।
3. उत्पादन विपणन ऋण।
4. किसान परिवार कीउपभोग आवश्यकता।
5. कृषि परीसंपत्तियों और कृषि से संबद्ध गतिविधियों के रखरखाव के लिए क्रियाशील पूंजी।
6. कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए निवेश ऋण की आवश्यकता।
कार्ड के प्रकार
कार्ड के प्रकार
1. सभी बैंकों के एटीएम और माइक्रो एटीएम तक पहुंच को सक्षम करने के लिए ISO. IIN के साथ पिन वाला एक चुंबकीय पट्टी कार्ड।
2. ऐसे मामलों में जहां बैंक यूआइडीएआइ के केंद्रीय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण बुनियादी ढांचे का उपयोग करना चाहते हैं वही यूआईडीएआई के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ ISO IIN के साथ चुंबकीय पट्टी और पिन वाले डेबिट कार्ड प्रदान किया जा सकते हैं।
3. बैंक के ग्राहक आधार के आधार पर चुंबकीय पत्तियों और केवल बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण वाले डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जा सकते हैं।
4. इसके अलावा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और स्मार्ट कार्ड IDRBT और IBA द्वारा निर्धारित सामान्य खुले मानकों का पालन कर सकते हैं इससे उन्हें इनपुट डीलरों के साथ सहजता से लेनदेन करने में मदद मिलेगी और जब वे मंडियों खरीद केदो आदि में अपने उत्पादन बेचेंगे तो बिक्री की आए उनके खाते में जमा हो जाएगी।
ऋणसीमा
ऋणसीमा
1. प्रथम वर्ष के लिए अल्पकालिक सीमा -एक वर्ष में एक ही फसल उगाने वाले किसानों के लिए वित्त का पैमाना जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तय किया जाता है× खेती किए जाने वाले क्षेत्र की सीमा+ कटाई के बाद /घरेलू/ उपभोक्ता उपयोग के लिए सीमा का 10%+ कृषि परिसंपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव व्यापार के लिए सीमा का 20% +और फसल बीमा PAIS और परिसंपत्ति बीमा।
2. दूसरे एवं आगामी वर्ष के लिए सीमा- फसल की खेती के प्रयोजन के लिए प्रथम वर्ष की सीमा ऊपर बताएं अनुसार निर्धारित की जाएगी साथ ही प्रत्येक उत्तर वत्ति वर्ष के लिए वित्त के पैमाने में लागत वृद्धि के लिए सीमा का 10% किसान क्रेडिट कार्ड की अवधि अर्थात 5 वर्ष के लिए अनुमानित सवधी ऋणघटक।
3. 1 वर्ष में एक से अधिक फसल उगाने वाली किसानों के लिए – प्रस्तावित फसल पैटर्न के अनुसार पहले वर्ष में उगाई गई फसलों के आधार पर सीमा ऊपर बताएं अनुसार तीते की जानी है और प्रत्येक क्रमिक वर्ष के लिए लागत वित्त के पैमाने में वृद्धि के लिए सीमा का अतिरिक्त 10% दिया जाना है।
4. भूमि विकास लघु सिंचाई कृषि उपकरणों की खरीद और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए निवेश हेतु सवधि ऋण- बैंक कृषि और संबद्ध गतिविधियों आदि के लिए सऊदी अवधी रन की मात्रा और कार्यशील पूंजी सीमा तय कर सकते हैं जो किसान द्वारा अधिग्रहित की जाने वाली प्रस्तावित परिसंपत्ति संपत्तियों की इकाई लागत खेती पर पहले से की जा रही संबद्ध गतिविधियों मौजूदा ऋण दायित्व सहित किस पर पड़ने वाले कुल ऋण भार के मुकाबले पुनर भुगतान क्षमता पर बैंक के निर्णय पर आधारित होगी।
5. दीर्घकालिक ऋण सीमा -5 वर्ष की अवधि के दौरान प्रस्तावित निवेश और किसान की ऋण चुकाने की क्षमता के बारे में बैंक की धारणा पर आधारित होती है।
6. अधिकतम स्वीकार्य सीमा 5 वर्ष के लिए निर्धारित अल्पकालीकरण सीमा और अनुमानित दीर्घकालिक ऋण आवश्यकता को मिलाकर अधिकतम स्वीकार्य सीमा बनाई जाएगी।
7. सीमांत किसानों के अलावा अन्य के लिए सीमा का निर्धन सवधि ऋण अलग-अलग ब्याज दरों द्वारा शासित होते हैं इसके अलावा वर्तमान में अलपावधि फसल ऋण ब्याज सहायक योजना शीघ्र पुनर भुगतान प्रस्थान योजना के अंतर्गत आते हैं।
पात्रता
पात्रता
1. किसान व्यक्तिगत संयुक्त उदार करता जो मालिक कृषक है।
2. काश्तकार किस मौखिक पटटेदार और बटाईदार किसान।
3. किसानों के स्वयं सहायता समूह या संयुक्त समूह जीनमें किराएदार किसान बटाईदार किसान आदि शामिल है।

Shimaela Beg
Author, Jan Seva Kendra Shujalpur, And Content Enthusiast
Passionate about [Popular Tidings, General Knowledge, Sarkari Yojana], with years of experience in [related field]. Loves to share knowledge and connect with readers.