जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (JNNURM) – शहरी विकास की ओर एक सशक्त कदम
शहरों में बुनियादी ढांचे का विकास करना, गरीब वर्ग के लिए आवास व्यवस्था करना, जल आपूर्ति और सीवेज प्रणाली में सुधार करना, और समग्र शहरी विकास में तेजी लाना
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Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Scheme (JNNURM) – A strong step towards urban development |
भारत एक ऐसा देश है, जहाँ की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती थी, लेकिन आर्थिक प्रगति और औद्योगिकीकरण के कारण शहरीकरण में तेजी से वृद्धि हुई है। इस तेजी से होते शहरीकरण ने कई समस्याओं को जन्म दिया है, जैसे कि बुनियादी सुविधाओं का अभाव, अव्यवस्थित यातायात, जल की कमी, कचरे का प्रबंधन, और आवास समस्या। इन सभी समस्याओं के समाधान हेतु वर्ष 2005 में भारत सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Mission – JNNURM) की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शहरों का संपूर्ण और संगठित विकास करना था ताकि नागरिकों को बेहतर जीवन-स्तर और बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
योजना का उद्देश्य
JNNURM का उद्देश्य शहरों में बुनियादी ढांचे का विकास करना, गरीब वर्ग के लिए आवास व्यवस्था करना, जल आपूर्ति और सीवेज प्रणाली में सुधार करना, और समग्र शहरी विकास में तेजी लाना था। इस योजना के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:
1. शहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार।
2. शहरी गरीबों के लिए आवास की उपलब्धता।
3. जल आपूर्ति और जल निकासी प्रणाली का विकास।
4. ट्रांसपोर्ट सिस्टम का आधुनिकीकरण।
5. स्वच्छता व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण।
6. पर्यावरण सुधार के माध्यम से जीवन स्तर को ऊँचा उठाना।
योजना के घटक
JNNURM को दो मुख्य घटकों में बाँटा गया था, जो अलग-अलग जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काम करते थे:
1. शहरी अधोसंरचना और शासकीय सुधार (Urban Infrastructure and Governance – UIG): इस घटक का मुख्य उद्देश्य शहरों में बुनियादी सुविधाओं और अधोसंरचना का विकास करना था, जिसमें जल आपूर्ति, जल निकासी, कचरा प्रबंधन, यातायात प्रबंधन, और ट्रांसपोर्ट सुविधाओं का आधुनिकीकरण शामिल था।
2. बुनियादी सेवाएँ शहरी गरीबों के लिए (Basic Services to the Urban Poor – BSUP): इस घटक का उद्देश्य शहरी गरीबों के जीवन-स्तर को बेहतर बनाना था। इसके अंतर्गत गरीबों के लिए आवास, स्वच्छता, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सेवाओं की व्यवस्था की गई।
अभियान के प्रमुख पहलू
इस योजना के तहत कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जैसे:
1. जल आपूर्ति और स्वच्छता: जल आपूर्ति की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया गया। इसके अलावा स्वच्छता सुविधाओं में सुधार के लिए सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और कचरा प्रबंधन प्रणाली में सुधार किया गया।
2. यातायात और परिवहन सुधार: जाम की समस्या को कम करने और शहरी यातायात को सुचारु रूप से चलाने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया गया, जिसमें बस और मेट्रो नेटवर्क का विस्तार किया गया।
3. शहरी गरीबों के लिए आवास: शहरी गरीबों को सस्ती और टिकाऊ आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। इसके तहत, गरीब वर्ग के लिए विशेष आवास योजनाओं को विकसित किया गया ताकि वे सुरक्षित और संरक्षित घरों में रह सकें।
4. शहरी प्रशासन में सुधार: योजना का एक प्रमुख उद्देश्य प्रशासनिक सुधार करना भी था, जिसमें शहरी निकायों की कार्यकुशलता में वृद्धि करना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना शामिल था। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ निजी निवेश को भी प्रोत्साहन दिया गया।
5. समुदाय की भागीदारी: शहरी सुधारों में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए समुदाय के सदस्यों को शामिल किया गया। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि सुधारों का लाभ सभी तक पहुँचे और उनका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले।
योजना के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ
JNNURM की शुरुआत बहुत ही सशक्त रूप से की गई थी, लेकिन इसके कार्यान्वयन के दौरान कई चुनौतियाँ सामने आईं। इनमें से कुछ प्रमुख चुनौतियाँ थीं:
1. अपर्याप्त धनराशि: योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता की कमी रही। कई परियोजनाएँ वित्तीय अभाव के कारण अधूरी रह गईं।
2. शहरी निकायों की क्षमता का अभाव: कई नगर निगमों और नगर पालिकाओं के पास पर्याप्त मानव संसाधन और क्षमता नहीं थी, जिससे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में बाधा उत्पन्न हुई।
3. अधूरे प्रशासनिक सुधार: प्रशासनिक सुधारों में अपेक्षित गति नहीं आ सकी, जिससे योजना का कार्यान्वयन धीमा हो गया।
4. भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी: योजना के क्रियान्वयन में कई बार पारदर्शिता का अभाव देखा गया, जिससे भ्रष्टाचार जैसी समस्याएँ उत्पन्न हुईं।
योजना की उपलब्धियाँ
इन चुनौतियों के बावजूद JNNURM के तहत कई सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए। योजना के तहत कई शहरों में बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ, जल आपूर्ति और स्वच्छता सुविधाओं में वृद्धि हुई, और गरीबों के लिए आवास की स्थिति में सुधार देखा गया। साथ ही, शहरी परिवहन में सुधार की दिशा में कई नए प्रयास किए गए।
समाप्ति और वर्तमान स्थिति
वर्ष 2014 में JNNURM का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद, इस योजना के अनुभवों और सबकों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और स्मार्ट सिटी मिशन जैसी नई योजनाओं की शुरुआत की गई, जो भारतीय शहरों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इन योजनाओं के तहत JNNURM के अधूरे लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना ने भारतीय शहरों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह योजना शहरी बुनियादी ढांचे के विकास, आवास व्यवस्था और नागरिकों के जीवन-स्तर को सुधारने के लिए एक ठोस प्रयास था। हालांकि योजना में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन इसने भारतीय शहरी क्षेत्रों को एक नई दिशा दी। भारत में शहरीकरण की दिशा में JNNURM एक मील का पत्थर सिद्ध हुआ, जिसने भविष्य की योजनाओं को एक आधार प्रदान किया।