सफलता की कहानी:
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Auto driver’s son becomes the youngest IAS, a unique example of UPSC exam |
ऑटो ड्राइवर का बेटा बना सबसे युवा IAS, UPSC परीक्षा की अनोखी मिसाल
भारत में UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि एक सपना है लाखों युवाओं का, जो सिविल सेवा में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं। हालांकि, अधिकांश लोगों का मानना है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए विशेषाधिकार, अच्छे शैक्षणिक संसाधन और अनुकूल परिस्थितियाँ चाहिए, लेकिन इस सफलता की कहानी इसे झूठ साबित करती है। यह कहानी है एक ऑटो ड्राइवर के बेटे की, जिसने अपने दृढ़ संकल्प, समर्पण और कड़ी मेहनत से सबसे युवा IAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया।
संघर्ष से प्रेरणा की ओर इस युवक का नाम अक्सर चमकदार मीडिया हेडलाइंस में नहीं आता, लेकिन उसकी कहानी एक प्रेरणा है। वह एक ऐसे परिवार से आता है, जहां आर्थिक संघर्ष रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा था। उसके पिता एक ऑटो रिक्शा चालक थे, जो अपने परिवार के लिए हर रोज़ कड़ी मेहनत करते थे। संसाधनों की कमी के बावजूद, इस युवक ने कभी हार नहीं मानी।
बचपन से ही उसे शिक्षा के प्रति गहरी रुचि थी। सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते हुए उसने हमेशा अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखा। स्कूली जीवन में आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए भी उसने कभी अपनी शिक्षा को छोड़ने का विचार नहीं किया।
UPSC परीक्षा की तैयारी कई छात्रों के लिए, UPSC परीक्षा की तैयारी बड़े कोचिंग संस्थानों और महंगे शिक्षकों से होती है, लेकिन इस युवक ने इस धारणा को तोड़ दिया। संसाधनों की कमी के बावजूद, उसने आत्म-अध्ययन के माध्यम से अपनी तैयारी शुरू की।
उसके पास किताबें और नोट्स सीमित थे, लेकिन उसकी सबसे बड़ी ताकत थी उसका दृढ़ निश्चय और अनुशासन। इंटरनेट से मुफ्त में उपलब्ध संसाधनों और ऑनलाइन लेक्चर्स का इस्तेमाल करके उसने खुद को तैयार किया। कई बार बिजली चली जाती थी, तो वह मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ता था। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसने अपने माता-पिता पर कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला, बल्कि अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ता रहा।
The journey of becoming the youngest IAS
2020 के UPSC परिणामों ने इस युवक की मेहनत और समर्पण को प्रमाणित किया। मात्र 21 वर्ष की उम्र में उसने यह परीक्षा पास कर ली, और सबसे युवा IAS अधिकारी बनने का खिताब हासिल किया। यह उम्र इतनी कम थी कि इससे पहले कोई भी उम्मीदवार इस उम्र में UPSC परीक्षा पास नहीं कर पाया था।
इस सफलता के पीछे उसका कड़ा परिश्रम, समर्पण और आत्म-विश्वास था। वह जानता था कि उसे कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन उसने कभी अपने सपनों से समझौता नहीं किया। उसके इस सफर ने यह साबित कर दिया कि UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास करने के लिए सिर्फ महंगे संसाधनों की जरूरत नहीं होती, बल्कि आत्म-विश्वास, अनुशासन और निरंतर प्रयास सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।
एक प्रेरणादायक संदेश
इस युवक की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं। उसने साबित किया है कि अगर आपमें दृढ़ संकल्प है, तो कोई भी बाधा आपके सपने को पूरा करने से नहीं रोक सकती।
UPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और धैर्य सबसे बड़े हथियार हैं। यह कहानी इस बात की जीती-जागती मिसाल है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, अगर आपमें सच्ची लगन और समर्पण है, तो सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी।
इस युवा आईएएस अधिकारी ने न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि देशभर के युवाओं को यह संदेश दिया कि सफलता की राह में संसाधनों की कमी या आर्थिक कठिनाइयाँ कोई बाधा नहीं बन सकतीं।